आज हिंदू धर्म को खतरा दूसरे धर्म के अनुयायिओं से नही बल्कि उन ताकतों से है जो दूसरे धर्म के लोगों को खुश कर उनसे अनैतिक लाभ लेने के लिए हिंदू धर्म के चिथडे उडाने पर अमादा हैं ।
- (वर्ष २००५ इग्नू एम् ऐ इतिहास की पुस्तक से)
- "भगवान शंकर नग्न रहने वाला साधू पुरूष था और तपस्वियों तथा देवताओं की स्त्रिओं का शीलभंग करता था"
- "माँ दुर्गा सदा शराब में धुत रहती थीं
- (बी ऐ । स्नातक द्वतीय वर्ष इतिहास की पुस्तक “ कल्चर इन एन्सेन्ट इंडिया” विद्यार्थिओं को पढाया जा रहा है
- रावण और मंदोदरी के कोई संतान नही थी । दोनों ने शिवजी की पूजा की उन्होंने पुत्र प्राप्ति हेतु आम खाने को दिया जो गलती से रावण ने खा लिया ओर उसे गर्भ ठहर गया।
- दुःख से रावण ने छींक मारी और सीता का जन्म हुआ।
- सीता रावण की पुत्री थी , उसने सीता को जनक पुरी के खेत मैं त्याग दिया था ।
- हनुमान एक छुट भेया सा छोटा बन्दर था जो कामुक था और लंका के शयन कक्षों मैं झांकता था और स्त्रिओं और पुरुषों को आमोद प्रमोद करते हुए देखता फिरता था ।
- रावण का वध राम ने नही लक्ष्मन ने किया था।
- रावण और लक्ष्मन ने सीता के साथ व्यभिचार किया।
कांची कामकोठी पीठ के शंकराचार्य जयेन्द्र सरस्वती को हत्या के मामले में गिरफ्तार करना , आसाराम बापू को अपमानित करना , उडीसा में कंधमाल में स्वामी लक्ष्मणानंद सरस्वती की हत्या , मालेगांव कांड मामले में साध्वी प्रज्ञा ठाकुर को हिन्दु आतंकवादी करार देकर गिरफ्तार करना ! साध्वी प्रज्ञा ठाकुर को हिन्दु आतंकवादी करार देने की बात गढी गई है।
हिंदू समाज सदैव शांति का परिचायक रहा है और हिंदू धर्म पर कभी भी यदि अघात हुआ है तो अपने ही धर्म व समाज के लोगों के द्वारा । यही कारण है की हम १००० वर्ष से गुलाम हैं कभी मुग़लों के कभी अंग्रेजों के। आज जरूरत है एक जुट हो कर नए दुश्मन से लोहा लेने की। सिर्फ़ एक कदम ही आगे बढाना है ........
"यदि अपने धर्म की रक्षा करना आतंकवाद है तो हम आतंकवादी हैं।"
शांत प्रकाश
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